गुरु बिनु कौन बतावे बाट

 भजन 4 

गुरु को मानुष जानते ते नर कहिये अंध 

होय दुःखी संसार में आगे जम का फन्द  

गुरु नारायण रूप है गुरु ज्ञान को घाट 

सतगुरु वचन प्रताप सो मन के मिटे उचाट 

गुरु बिनु कौन बतावे बाट 

भ्रान्ति पहाड़ी नदियां बिच में -2 

अहंकार की लात -२ , गुरु बिनु कौन ........

काम क्रोध दो परबत ठाड़े  -2 

लोभ चोर संघात गुरु बिनु कौन .....

मद मत्सर का मेघा बरसत-2 

माया पवन बह ठाट , गुरु बिनु कौन  ..... 

कहत कबीर -4  सुनो भाई साधो 

क्यों तरना एह घाट , गुरु बिनु कौन....... 


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