जो नाम का प्रताप है
भजन 6
जो नाम का प्रताप है , तम्हें याद हो कि न याद हो
जब दैत्य चाबुक मरिया , प्रह्लाद नाम उचारिया
नख से असुर को बिदरिया , तुम्हे याद हो कि न याद हो
जो नाम का प्रताप ........
ध्रुव को पिता ने निकाल दिया , हरी नाम में मन ला दिया
उसे अचल धाम दिला दिया , तुम्हे याद हो कि न याद हो
जो नाम का प्रताप .........
गजराज पे विपदा परी , मन में जपा जो हरी हरी
ग्राह मार के मुक्ति करी ,तुम्हें याद हो कि न याद हो
जो नाम का प्रताप .......
दौपदी की लाज उतरिया , तब कृष्ण कृष्ण पुकारिया
ब्रह्मानंद चीय बढ़ा दिया , तुम्हे याद हो कि न याद हो
जो नाम का प्रताप ......
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