जल जाये जिह्वा पापिनी राम के बिना

 भजन 7

राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट 

अन्त समय पछतायेगा , जब तन जइहे छूट 

जल जाये जिह्वा पापिनी राम के बिना 

राम के बिना हो भइया - श्याम के बिना 

जल जाये .........

क्षत्रि आन बिनु विप्र ज्ञान बिनु घर संतान बिना 

देह प्राण बिनु हाथ कान बिनु भोजन मन बिना 

मोर काहे बेकार नाचना उ घनश्याम बिना 

जल जाये ........

पंक्षी पंख बिनु, बिक्षु डंक बिनु ,आरती शंख बिना

गणित अंक बिनु, कमल पंख बिनु , निशा मयंक बिना 

व्यर्थ भ्रमण, चिन्तन भाषण नहीं, अच्छे काम बिना 

जल जाये ....... 

प्रिया कंत बिनु , मठ महंथ बिनु, हाथी दन्त बिना

ग्राम पञ्च बिनु, ऋतु बसंत बिनु , आदि अंत बिना 

नाम बिना नर ऐसे जैसे, अश्व लगाम बिना  

जल जाये ........

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